Amritlal Yadav from the Central Content Team, Pratham Education Foundation writes about his observations from monitoring the ASER 2019 survey…
उनमें से एक सर्वेक्षक ने अपना अनुभव इस तरह सांझा किया, “जब हम एक घर में गए तो घर वाले हमें अजनबी समझ कर हमारे कार्य पर संदेह करने लगे | बच्चे के नाम लिखने से लेकर बच्चे की टेस्टिंग तक उन्होंनें अपने मोबाइल से हमारा वीडियो बनाया | हमने देखा कि घर का सर्वेक्षण समाप्त होने के बाद घर वाले अचानक हमें चाय, बिस्किट तथा अन्य खाने के सामग्री हमारे सामने लाने लगे | हम भी चौंक गए कि यहाँ अब ऐसा क्या हो गया? अभी तो घर वाले संदेह कर रहे थे और वीडियो बना रहे थे अचानक इन्हें क्या हो गया | इस प्रश्न का उत्तर बाद में मिला | दरअसल उनके बच्चे ने टेस्टिंग के सारे सवालों का उत्तर सही दे दिया था | बच्चे के प्रदर्शन से घर वाले काफी खुश थे | हमारी जाँच करने की सामग्री उन्हें बहुत पसंद आई थी | यह कहना गलत नहीं होगा कि घर वालों पर भी असर का असर हो गया था |”
— by Vishwaas Sharma BHU student, ASER volunteer अब युवा जाग उठो तम पर अरुणिमा “असर” दिखाया है…
By Shalini Tripathi As the year draws to a close, the ASER Centre, Delhi office usually bears a forlorn look.…
By Manoj Kumar Sharma बियॉन्ड बेसिक्स असर सर्वे के दौरान हम बिजनौर जिले के दो अलग-अलग ब्लाक के गाँवो में…
by Sunil Kumar (ASER UP) आत्म विश्वास से लबरेज कविता नामक लड़की से मेरी मुलाकत उसके ही स्कूल में…
संदीप शर्मा, असर सेंटर, उत्तर-प्रदेश पिछले 11 वर्षो में हमने असर के माध्यम से देश के 5-16 वर्ष तक के…
Every child has a dream but without quality education how will they fulfill their dreams? This raises a range of questions. Who is responsible for low learning levels? Why are we not able to change the situation? And after completing 14 years, how will these children continue their education without knowledge of the basics?